कनाना मेले में दिखी लोक संस्कृति की झलक ,आंगी बांगी के साथ गैर नृत्य दलों ने दी प्रस्तुतिया,शीतलामाता की पूजा क्र श्रद्धालुओं ने खुशहाली की की कामना।

कनाना मेले में दिखी लोक संस्कृति की झलक ,आंगी बांगी के साथ गैर नृत्य दलों ने दी प्रस्तुतिया,शीतलामाता की पूजा क्र श्रद्धालुओं ने खुशहाली की की कामना।

 बालोतरा उपखण्ड के कनाना में हर वर्ष की भांति शीतलासप्तमी मेला आयोजित हुआ ,मेले आसपास के गाँवो से हजारो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और  शीतला माता मंदिर पर पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की ,कोरोना के कारण एक साल स्थगित होने के बाद आयोजित हुए मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। 


मेले विभिन्न गाँवो के गैर नृत्य दलों ने अपनी प्रस्तुतिया दी ,ढोल थाप  पर रंगबिरगी आंगी बानगी पहने  कलाकारों ने डांडिया गैर नृत्य कर लोगो मंत्रमुग्ध कर दिया।सुबह से ही मेलार्थियों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से गैर दलों की आवक शुरू हो गई। शाम तक करीब दो दर्जन से अधिक गैर दल मेले में पहुंचे। करीब 40 मीटर की आंगी-बांगी पर लाल कलंगी लगाकर, पैरों में घुंघरू बांधकर डांडियों की टंकार के बीच गैर नृत्य की प्रस्तुति दी। मेला मैदान में कई जगह पर गेरिए नृत्य करते नजर आए। मेले में कनाना के साथ ही कीटनोद, पारलू, कल्याणपुर, कुंपावास, आसोतरा, मेली, खाखरलाई व अन्य क्षेत्रों से गैर दल पहुंचे।


मेले में मुख्य अतिथि  विधायक मदन प्रजापत सहित गणमान्य लोगो ने शिरकत की और माता के दर्शन कर क्षेत्र मकई खुशहाली की कामना की। मेले जिला परिषद सीओ मोहनदान रतनु ,एसडीएम नरेश सोनी ,तहसीलदार प्रवीण रतनु सहित अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस दौरा विधायक ने मेलार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की मेले हमारी संस्कृति की पहचान है ,मेले आयोजित होने से आपसी भाईचारा  व् अपनत्व बना रहता है। क्षेत्र के गैर नृत्य ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है ,मेले में यंहा की लोक कलाओ की झलक देखने को मिल रही है ,वर्तमान के आधुनिक युग में ये परम्पराए कम होती जा रही है जिसके संरक्छ्न की आवश्यकता है। 

विधायक ने मेले में लोक कलाओ का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को सम्मानित कर हौसलाअफजाई की। ग्राम पंचायत की ओर से मेले  वाले सभी आंगतुक मेहमानो का स्वागत किया गया ,सरपंच चैन करण ने सभी मेहमानो का आभार व्यक्त किया।  
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